कश्मीर में अमेरिका, चीन के दखल की जरूरत नही, आपसी बातचीत से सुलझाएंगे मसला : मुख्यमंत्री महबूबा

अमेरिका ने दखल दिया तो कश्मीर की हालत सीरिया और इराक जैसी हो जाएगी : मुख्यमंत्री


श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अमेरिका, चीन या किसी भी दूसरे देश से कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता कराने संबंधी सुझावों को खारिज करते हुए शनिवार (22 जुलाई) को कहा कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से मुद्दे का हल करना होगा. महबूबा ने अमेरिका से मध्यस्थता कराने का सुझाव देने के लिए नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वह चाहते हैं कि कश्मीर की स्थिति भी सीरिया, अफगानिस्तान या इराक जैसी हो जाएं, जहां अमेरिका ने हस्तक्षेप किया हैं.

No Need of America and China's intervention in Jammu Kashmir: Mehbuba

महबूबा ने कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए बाहरी शक्तियों की जरूरत नहीं


उन्होंने कहा, ‘अमेरिका हो या चीन, उन्हें अपने काम से काम रखना चाहिए. अमेरिका ने जहां भी हस्तक्षेप किया, आप अफगानिस्तान, सीरिया और इराक (की स्थिति) देखें.’ महबूबा ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में संवाददाताओं से कहा, ‘चीन की तिब्बत को लेकर अपनी ही समस्या है. इसलिए मुझे लगता है कि हमारे पास यहां एक खाका है, जो यह है कि भारत और पाकिस्तान को युद्ध के बाद भी बात करनी होगी. हमें द्विपक्षीय रूप से बात करनी होगा और अमेरिका, तुर्की या ब्रिटेन हमारे साथ क्या कर सकते हैं?’


No Need of America and China's intervention in Jammu Kashmir: Mehbuba


वह पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला की उस टिप्पणी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं जिसमें कहा था कि कश्मीर मुद्दे के हल के लिए भारत को ‘दोस्तों’ की मदद लेनी चाहिए. महबूबा ने कहा, ‘उन्होंने (अमेरिका) दुनिया के प्रमुख मुद्दों को और बिगाड़ने का काम किया है. देखिए उन्हें सीरिया का क्या कर दिया, अफगानिस्तान और इराक की स्थिति देखें. खुदा ना खास्ते, क्या फारूक चाहते हैं कि हमारी स्थिति भी उनकी तरह हो जाए? या वह हमारे राज्य को फलते फूलते देखना चाहते हैं?’ उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को आपसी विद्वेष खत्म करने के लिए समझौतों का सम्मान करना होगा. महबूबा ने कहा, ‘हमारे बड़े नेताओं (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी तथा (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी की तरह ही हमें शिमला तथा लाहौर समझौतों को आगे ले जाना होगा.’

फारुक अब्दुल्ला ने कश्मीर मुद्दे पर फिर दिया था विवादित बयान



गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए अमेरिका और चीन की मध्यस्थता स्वीकार करने का सुझाव दिया था. उनके इस बयान की सियासी गलियारों में काफी आलोचना हुई. फारूक को इस मसले पर उनके सहयोगी कांग्रेस का भी साथ नहीं मिला. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 'कश्मीर इज इंडिया एंड इंडिया इज कश्मीर.' राहुल ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है.

आभार : जी न्यूज़

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